रुसी वैक्सीन 1 मई को भारत में आएगी ;
कोरोना के सबसे बड़ा हथियार मानी जा रही है को रुसी वैक्सीन स्पुतनिक -V की पहली खेप 1 मई को भारत आ जाएगी। देश में वैक्सीन की कमी को देखते हुए सरकार ने इसे मंजूरी दी थी। वैक्सीन के प्रोडक्शन का काम रुसी डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) कंपनी देख रही है। RDIF के सीईओ किरिल दिमित्रिएव ने कहा है , की भारत में हर महीने 5 करोड़ डोज बनाए जाएगे। 5 बड़े वैक्सीन निर्माताओं के साथ एक साल में 85 करोड़ डोज बनने का करार किया गया है।
एक मई से सभी वयस्कों को वैक्सीन लगनी शुरू हो जाएगी। वैक्सीनेशन को लेकर कोई ऐसे साल है जो बार बार पूछे जा रहा है। अलग अलग विशेष कर इन सवालों पर कोई बार जवाब दे चुके है। सबका कहना है की वैक्सीन जरूर लगवाए। यह आप को कोरोना के गभीर लक्षणों से बचने में 100% इफेक्टिव है।
देश में 18 से 45 साल के सभी लोगो के लिए वैक्सीनेशन का रजिस्ट्रेशन प्रोसेस शुरू हो गी। सुप्रीम कोर्ट में पत्रकार सिद्दीक कंपनी की रिहाई के लिए दायर याचिका पर सुनवाई होगी।
स्पूतनिक के बारे में यह है दावा
नवम्बर 2020 में सॉवरेन वेल्थ फंड का दावा था की स्पुतनिक वी 92 फीसद प्रभावी है। इसके आलावा वैक्सीन बनाने वाले अलेंक्जेंडर गेन्सबर्ग ने किया था की उनकी वैक्सीन दो तक कारगर रहेगी। इसके लिए उन्होंने बाकायदा डेटा भी साझा किया था। स्पूतनिक वि को गेमालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ने बनाया है। अब सवाल यह है की जब दूसरी वैक्सीन को इफिकैसी 90 फीसद के आस पास है और उसे एक साल के लिए प्रभावी बताया जा रहा है तो स्पूतनिक अलावा क्या है। ये वैक्सीन दो एडिनोवायरस वेक्टर बनी है यानि कोविशील्ड जैसी ही है। कोविशील्ड में चिम्पाजी में मिलने वाले एडेनोवायसर का इस्तेमाल किया है। रुसी वैक्सीन में दो अलग -अलग वेजटेरो को मिलकर इस्तेमाल किया गया है।
स्पूतनिक वी निर्माताओं का कहना है की इसे भी 2-8 डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच में स्टोर किया जा सकता है। यह वैक्सीन भी दो डोज में दी जाती है कोविशील्ड की दो डोज के बीच का अंतराल चार से आठ हफ्तों को का है और इसे के लिए सब जीरो तापमान (शून्य के कम )की जरुरत नहीं है। कोवैक्सीन को दो डोज 4-6 हफ्तों के अंतराल पर दी जाती है। इसे भी 2-8 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान पर स्टोर कर सकते है।
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