अनार शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है, जिससे हार्ट तक खून की आवाजाही से हार्ट संबंधित बीमारियां दूर होती हैं। अनार के नियमित सेवन से दिल संबंधित कोई बीमारी होने से भी बचा जा सकता है। अनार खाने से शरीर में कॉलेस्ट्रोल का लेवल नहीं बढ़ता है। साथ ही इसका सेवन धमनिया में खून के थक्के जमने की समस्या को को दूर करता है।
अनार का छिलका जितना कठोर होता है, अंदर उतना ही स्वादिष्ट, और मीठा फल होता है। किसी भी व्यक्ति को, कोई भी रोग हो जाए, लोग उन्हें सबसे पहले अनार के सेवन की सलाह ही देते हैं। डॉक्टर भी कमजोरी को दूर करने के लिए, या इलाज के बाद स्वास्थ्य लाभ पाने के दौरान, रोगी को अनार खाने के लिए बोलते हैं। आपको भी यही पता होगा कि अनार के सेवन से आपकी सेहत को बहुत फायदे मिलते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि अनार के वे फायदे कौन-कौन से हैं? नहीं ना! आप यह नहीं जानते होंगे कि अनार का प्रयोग कर रोगों की रोकथाम भी की जा सकती है।
आयुर्वेद में अनार को बहतु ही चमत्कारिक फल बताया गया है, और यह भी बताया गया है कि, इसके इस्तेमाल से कई सारी बीमारियों को ठीक किया जा सकता है। केवल अनार फल ही नहीं, बल्कि पूरा वृक्ष ही औषधीय गुणों से भरपूर होता है। जब अनार में इतनी खूबियां हैं, तो आप अनार के फायदे के बारे में जरूर जानना चाहेंगे। आइए जानते हैं कि अनार के फायदे क्या-क्या हैं।
चेहरे के दाग-धब्बों की परेशानी में अनार खाने से फायदा
चेहरे पर दाग-धब्बे होना एक आम समस्या है। अनेक लोग इससे परेशान रहते हैं। पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं को यह शिकायत अधिक रहती है। अगर आप भी चेहरे की झाई से परेशान हैं, तो अनार के प्रयोग से फायदा ले सकते हैं। अनार के ताजे हरे पत्तों के रस में 100 ग्राम अनार के पत्तों का पेस्ट, और आधा लीटर सरसों का तेल मिला लें। इस तेल को पकाकर छान लें। इस तेल से मालिश करने से चेहरे की कील, झाई, और काले धब्बे ठीक होते हैं।
भूख बढ़ाने के लिए अनार का प्रयोग फायदेमंद
भूख ना लगने की परेशानी के लिए अनार के पत्ते को छाया में सूखा लें। इसमें सेंधा नमक मिलाकर महीन चूर्ण बना लें। इसे 4-4 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम, खाने से पहले ले। इसे पानी के साथ सेवन करें। इससे भूख बढ़ती है, और खाना ठीक से पचता है
अपच की समस्या में अनार का इस्तेमाल
अपच की समस्या के लिए अनार के 10 मिली रस में भुना हुआ 2 ग्राम जीरा, और 5 ग्राम गुड़ मिला लें। इसे दिन में 2 या 3 बार प्रयोग करें। इससे सभी प्रकार की अपच की परेशानी ठीक होती है।
20 मिली अनार का रस, 20 मिली शहद, और 10 मिली तिल के तेल में 6 ग्राम जीरा का चूर्ण, और 6 ग्राम खांड मिला लें। इसे मुंह में लेकर थोड़ी देर मुंह को चलाते रहें। ऐसा करने से अपच में लाभ होता है।
अनार के प्रयोग से खांसी और दमा में लाभ
अनार के सेवन से खांसी, और दमा रोग में भी लाभ लिया जा सकता है। 100 ग्राम सूखा अनारदाना, सोंठ, काली मिर्च, पीपल, दालचीनी लें। इसके साथ ही तेजपात, तथा इलायची 50-50 ग्राम मिला लें। इसका चूर्ण बना लें। इसमें इतनी ही मात्रा में खांड मिला लें। इसे मधु के साथ दिन में दो बार लें। 500 मिग्रा से 1 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से खांसी, सांसों का फूलना, हृदय की बीमारियां, और जुकाम में आराम मिलता है। केवल अनार के फल के छिलके को मुंह में रखकर चूसने से भी खांसी में लाभ होता है।
80 ग्राम गुड़ की चाशनी बना लें। इसमें 40 ग्राम अनार का छिलका, 6-6 ग्राम पीपल, और जवाखार (यवक्षार) का महीन चूर्ण मिला लें। इसकी 500-500 मिग्रा की गोली बनाकर रख लें। 2-2 गोली दिन में 3 बार गुनगुने पानी से सेवन करें। इसके प्रयोग से खांसी में लाभ होता है। इसमें 10 ग्राम काली मिर्च मिला लेने से कफ में विशेष लाभ होता है।
अनार के प्रयोग से गर्भपात की समस्या में फायदा
अनार के सेवन से गर्भपात को भी रोका जा सकता है। जिन गर्भवती महिलाओं को गर्भपात की परेशानी रहती है, वे गर्भधारण के पांचवें महीने में अनार के पत्ते के चूर्ण, और चन्दन के चूर्ण में दही, और मधु मिलाकर सेवन करें। इससे लाभ होगा।
अनार के ताजे पत्ते (20 ग्राम) को, 100 मिली पानी में पीसकर छान लें। इसे पीने से गर्भपात की रोकथाम होती है।
इसके साथ ही, अनार के पत्ते के पेस्ट को, पेट के नीचे वाले भाग पर लेप करने से गर्भस्राव पर रोक लगती है।
अनार के गुण से मूत्र संबंधित रोगों का इलाज मूत्र रोग में लाभ पाने के लिए अनार के रस में, छोटी इलायची के बीज, और सोंठ का चूर्ण मिलाकर पिएं। इससे मूत्र विकार में लाभ होता है।
इसी तरह, 10 ग्राम अनार के पत्ते, और 10 ग्राम हरा गोखरू को 150 मिली पानी में पीस लें। और इसे छानकर पीने से पेशाब संबंधी बीमारी में लाभ होता है।
बवासीर में अनार के औषधीय गुण से लाभ
बवासीर के रोगी 5-10 मिली अनार के पत्ते के रस का सेवन करें। इससे बवासीर में लाभ होता है।
अनार के 8-10 पत्तों को पीसकर टिकिया बना लें। इसे गाय के घी में भून कर सेवन करने से भी बवासीर में लाभ होता है।
हृदय रोग में अनार के औषधीय गुण से फायदा
अनार के फायदे से ह्रदय रोगी भी लाभ ले सकते हैं। ह्रदय की बीमारी में 10 ग्राम अनार के ताजे पत्तों को, 100 मिली पानी में पीस छान लें। इसे सुबह और शाम पीने से हृदय के विकारों में लाभ होता है।
इसी तरह 20-25 मिली अनार का शर्बत पीने से हृदय रोग में लाभ होता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, अनार के जूस का सेवन आप किसी भी समय कर सकते हैं लेकिन सुबह के समय अनार का जूस पीना ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। अच्छी सेहत के लिए नियमित रूप से नाश्ते में अनार के फल या जूस का सेवन करे
अनार खाने से नुकसान
क्या आप जानते हैं कई लोगों के लिए अनार काफी नुकसानदायक भी होता है? एसिडिटी- इस समस्या से परेशान लोगों को अनार का सेवन नहीं करना चाहिए. अनार के ठंडे तासीर की वजह से खाना ठीक तरह से डाइजेस्ट नहीं होता है. जिससे की खाना पेट में सड़ने लगता है।
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