हम सभी शायद तनाव से अच्छी तरह परिचित हैं। अल्पावधि में, तनाव वास्तव में मददगार हो सकता है और खतरे की स्थिति में भी आपको जीवित रहने में मदद कर सकता है।
उदाहरण के लिए, यदि आप एक बड़े कुत्ते को अपनी ओर दौड़ते हुए देखते हैं, तो आपके शरीर की तनाव प्रतिक्रिया आपको चोट से बचने के लिए रास्ते से हटने में मदद कर सकती है।
हालाँकि, जब तनाव जारी रहता है, तो यह आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डाल सकता है। वास्तव में, शोध से पता चला है कि पुराना तनाव हृदय रोग के प्रमुख जोखिम कारकों में से एक हो सकता है।
इस लेख में, हम तनाव की मूल बातें बताएंगे और बताएंगे कि कैसे पुराना तनाव आपके हृदय रोग के जोखिम को बढ़ा सकता है, और कैसे आप स्वस्थ तरीके से तनाव को प्रबंधित कर सकते है।
तनाव क्या है ? (What is stress?)
तनाव एक शारीरिक या मनोवैज्ञानिक घटनाओ से आपके शरीर में होने वाली प्रतिक्रिया है जिसे आप चुनौतीपूर्ण या खतरनाक मानते हैं।
जबकि हम अक्सर तनाव को नकारात्मक दृष्टि से देखते हैं, सभी तनाव खराब नहीं होते हैं। वास्तव में, अच्छा तनाव मौजूद होता है, और इसे यूस्ट्रेस (eustress) कहा जाता है।
यूस्ट्रेस (eustress)को समझने के लिए आप एक उदाहरण ले सकते है। मान लीजिये आपको ऑफिस में एक नए प्रोजेक्ट पर काम करना है। यह पहली बार में कठिन लग सकता है और रास्ते में बाधाएँ आ सकती हैं। लेकिन यह प्रोजेक्ट आपको और आपकी टीम को चमकने, नए कौशल सीखने और आपके द्वारा किए गए अच्छे काम के लिए पहचाने जाने का मौका दे सकता है ।
दो अन्य प्रकार के तनाव भी हैं: तीव्र और पुराना तनाव। (Acute and Chronic stress). दोनों आपके शरीर को प्रभावित कर सकते हैं और विशिष्ट परिवर्तन कर सकते हैं।
तीव्र तनाव (acute stress)
तीव्र तनाव अल्पकालिक और पहचानने योग्य है। उदाहरण के लिए, आपको तीव्र तनाव हो सकता है जब आप:
नौकरी के लिए इंटरव्यू के लिए जाएं
सार्वजनिक रूप से बोलना है
दंत चिकित्सक के पास जाए
काम के रास्ते में ट्रैफिक में फंसना
गाड़ी चला रहे हैं और दूसरी कार से टकराने से बचने के लिए गाडी मोड़ना।
जब आप तीव्र तनाव का सामना करते हैं, तो आपका शरीर उस परिवर्तन को पहचानता है जिसे उसे अनुकूलित करने की आवश्यकता होती है, इससे निपटता है, और फिर सामान्य स्थिति में लौट आता है।
चिर तनाव (chronic stress)
पुराना तनाव तब होता है जब आप एक ऐसी चुनौती का सामना करते हैं जिसका स्पष्ट अंत नहीं होता है। नतीजतन, आप हमेशा एक निरंतर खतरे का सामना करने के लिए तैयार रहने की स्थिति में रहते हैं।जिससे तनाव हमेशा बना रहता है।
पुराना तनाव आपके शरीर को ठीक होने और सामान्य स्थिति में लौटने का मौका नहीं देता है।
जब आप इस प्रकार के तनाव से निपटते हैं, तो आपकी सांस और हृदय गति तेज रहती है, आपकी मांसपेशियां तनावग्रस्त रहती हैं, और आपका पाचन तंत्र उस तरह से काम नहीं कर सकता जैसा उसे करना चाहिए। साथ ही, आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली कम प्रभावी हो सकती है।
पुराने तनाव के कई संभावित कारण हैं। कुछ उदाहरणों में शामिल हैं:
एक पुरानी बीमारी से निपटना
आर्थिक चिंता
परिवार या रिश्ते के मुद्दे
परिवार के सदस्य की देखभाल
आपकी नौकरी से संबंधित दबाव या चुनौतियाँ
भेदभाव या जातिवाद
तनाव आपके शरीर को कैसे प्रभावित करता है?
तनाव एक शारीरिक प्रतिक्रिया है जो आपके शरीर को किसी चुनौती या खतरे से निपटने के लिए तैयार करती है। जब आप कुछ तनावपूर्ण या खतरनाक अनुभव करते हैं तो आपके मस्तिष्क में तनाव प्रतिक्रिया शुरू हो जाती है।
सामान्यतया, तनाव प्रतिक्रिया के दो अलग-अलग घटक (Components) होते हैं:
1. कोर्टिसोल (Cortisol) :
जब आप एक तनाव का सामना करते हैं, तो आपका मस्तिष्क कोर्टिसोल का उत्पादन बढ़ाता है, जिसे "तनाव हार्मोन" भी कहा जाता है। कोर्टिसोल के मुख्य कार्यों में से एक आपकी ऊर्जा के स्तर को बढ़ाना है ताकि आप तनावपूर्ण स्थिति से निपट सकें। यह आपके लीवर में जमा चीनी को आपके रक्तप्रवाह में ले जाने में मदद करता है, जहां चीनी को ऊर्जा के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
2. एपिनेफ्रीन और नॉरपेनेफ्रिन
(Epinephrine and Norepinephrine)आपके मस्तिष्क का एक और हिस्सा हार्मोन एपिनेफ्रीन और नॉरपेनेफ्रिन के उत्पादन में वृद्धि के लिए संकेत देता है। तनाव प्रतिक्रिया के इस हिस्से को अक्सर "लड़ाई या उड़ान" प्रतिक्रिया के रूप में जाना जाता है। इन हार्मोनों में वृद्धि आपके शरीर को नीचे लिखे गए तनावपूर्ण स्थिति से निपटने के लिए तैयार करती है:
हृदय गति और रक्तचाप बढ़ाना
सांस लेने की दर बढ़ाएं
मांसपेशियों में रक्त के प्रवाह को बढ़ाएं
पाचन में कमी
तनाव आपके दिल को कैसे प्रभावित करता है?
जब तनाव पुराना (लंबे समय तक चलने वाला या निरंतर) हो जाता है, तो यह आपके शरीर पर हानिकारक प्रभाव डाल सकता है। हृदय प्रणाली हमारे तनाव प्रतिक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है इसीलिए तनाव के प्रभावों का लंबे समय से अध्ययन किया गया है।
2021 के एक अध्ययन में 21 देशों के 118,706 लोग शामिल थे। इन सभी को कोई दिल से जुडी बीमारिया नहीं थी। कुल मिलाकर, शोधकर्ताओं ने पाया कि उच्च तनाव की वजह से निम्न बीमारिया होने की संभावना अधिक है। :
हृदवाहिनी रोग (cardiovascular disease)
हृद - धमनी रोग (coronary heart disease)
आघात (the strokes)
मौत
इसके अतिरिक्त, 2018 के एक अध्ययन के अनुसार, तनाव की वजह से कार्डियोमायोपैथी (Cardiomyopathy) जैसा रोग हो सकता है। कार्डियोमायोपैथी एक ऐसी बीमारी है जिसमें की ह्रदय की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं।
इसके अलावा 2021 में, अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन ने हृदय स्वास्थ्य पर मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य के प्रभाव के महत्व के बारे में एक वैज्ञानिक बयान जारी किया।
इसमें एसोसिएशन ने नोट किया कि शोध से पता चला है कि महत्वपूर्ण घटनाएं और रोजमर्रा के तनावों का निर्माण कार्डियोवैस्कुलर (दिल तथा उससे जुड़े हुए )बीमारी के जोखिम को बढ़ा सकता है।
इन तनावों में शामिल है :
महसूस होने वाला तनाव । (Perceived stress)
कथित तनाव, तनाव का वह स्तर है जिसे आप मानते हैं कि आप वर्तमान में महसूस कर रहे हैं। कोरोनरी हृदय रोग और कोरोनरी हृदय रोग से संबंधित मौतों की एक बड़ी वजह यह तनाव है।
काम संबंधी तनाव। (Work-related stress)
का9म या कार्यस्थल से संबंधित तनाव को हृदय रोग के जोखिम में 40 प्रतिशत की हिस्सेदारी मानी जाती है।
सामाजिक एकांत। (Social isolation)
सामाजिक अलगाव और अकेलापन कार्डियोवैस्कुलर बीमारी के जोखिम से जुड़ा हुआ है। इस तरह के तनाव की वजह से दिल का दौरा या स्ट्रोक जैसी कार्डियोवैस्कुलर घटनाओं का जोखिम 50 प्रतिशत तक बाद जाता है।
बचपन में तनाव। (Stress during childhood)
बचपन में तनावपूर्ण या दर्दनाक घटनाओं की वजह से होने वाला तनाव भी दिल से जुडी बीमारियों का एक बड़ा कारण है।
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